गुरुवार, 11 नवंबर 2010

 
चूड़ियों की खनक कानफोडू  थीं.
और रास्ते तुम्हारी कलाइयों  से पतले.
छोड़ दिया जाना चाहिए था किताब को आधी पढने के बाद.
लेकिन ये बात आखिर  में बताई गयी थी उसमें.
इसलिए,
जब कुण्डलिनी जागृत होने को थी,
हम स्वप्न दोष का शिकार हो गए.
जब अक्ल और उम्र की भेंट हो जानी चाहिए थी,
हम नौकरियां  ढूंढ रहे थे.
मर जाने से अगर युद्ध जीता जा सकता  है तो भी...
कोई भी युद्ध मर जाने के बाद नहीं जीता जाता.  
होने, न होने के बीच,
तुम्हारी बुनी स्वेटर में सिले हुए तुम्हारे बाल बराबर का अंतर है.
क्यूंकि मेरे न होने पर,
कुछ भी मायने नहीं रखेगा मेरे लिए.
और  'मेरे-लिए' का होना भी 'न होना' ही होगा.
'हेवी मेटल' में गिटार का टूट जाना ख़त्म हो जायेगा.
और 'ट्रांस' में शब्दों से ज्यादा संगीत का महत्त्व भी.
इम्होटेप के मिस्र का राजा होना 'पूरी तरह से' महत्वहीन होगा मेरे लिए,
जैसे खुद इम्होटेप के न होने के बाद उसके लिए था.  
(उसके लिए? उसके... ना होने के बाद? हा !)
...मोनालिसा की मुस्कान मेरे लिए बनाई गयी है.
...बस !
...मेरे !!
...लिए !!!
और मैं जानता हूँ इसका 'होना', इसीलिए  ये वाकई  है.

देखना >> ध्यान देना >> सोचना >> कुछ करना >> असर होना.
'जंजीर सबसे ज्यादा उतनी मज़बूत होती है, जितनी उसकी सबसे कमज़ोर कड़ी'

इसलिए छोड़ दिया जाना चाहिए था किताब को आधी पढने के बाद.
लेकिन ये बात आखिर  में बताई गयी थी उसमें.
चूड़ियों की खनक कानफोडू  थीं.
और रास्ते तुम्हारी कलाइयों  से पतले.
जब अक्ल और उम्र की भेंट हो जानी चाहिए थी,
हम नौकरियां  ढूंढ रहे थे.
मर जाने से अगर युद्ध जीता जा सकता  है तो भी...
कोई भी युद्ध मर जाने के बाद नहीं जीता जाता.